अखण्ड ज्योति पत्रिका नहीं, हमारी जिह्वा है, जो दूर रहने वाले लोगों तक आसानी से हमारा हृदय खोलकर सुनने वालों के सामने रख देती है। जो लोग उसे पढ़़ते हैं, वे वस्तुतः हमारा व्यक्तिगत सत्संग ही करते हैं। ---------------------------------------------------पंडित श्री राम शर्मा आचार्य Please open the links below for monthly magazines Akhand Jyoti and Pragya Abhiyan both in Hindi and Gujarati: |